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धरना-प्रदर्शन के दौरान संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए अध्यादेश लाई योगी सरकार
योगी सरकार ने आंदोलन, प्रदर्शन, धरना के दौरान हिंसा व सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। योगी कैबिनेट ने शुक्रवार को यूपी रिकवरी फॉर डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी।माना जा रहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा फैलाने व संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षतिपूर्ति की वसूली के लिए पोस्टर लगाने संबंधी कार्यवाही पर हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद यह अध्यादेश लाया गया है।कैबिनेट बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना व एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सरकार के निर्णय की जानकारी दी। खन्ना ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक जुलूस, अवैध हड़ताल आदि के दौरान उपद्रवियों से नुकसान आदि के मद्देनजर कड़े कानून की आवश्यकता बताई थी। इसमें वीडियोग्राफी व क्षतिपूर्ति की भरपाई की व्यवस्था के निर्देश थे। वर्तमान में विधानमंडल का सत्र चालू नहीं है, इसलिए अध्यादेश लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कानून को लागू करने के लिए प्रक्रिया संबंधी नियमावली भी जल्दी ही बनाई जाएगी।
अब सरकारी राशन में नहीं हो पाएगी धांधली
सरकारी डिपो से सस्ता राशन लेने वाले लोगों के लिए पंजाब सरकार ने स्मार्ट कार्ड योजना का आगाज बुधवार को लुधियाना से कर दिया है। हलका पश्चिम के बाड़ेवाल में फूड एवं सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु ने इस योजना का शुभारंभ किया। यह हलका मंत्री आशु का है। इस योजना से शुरू होने से सूबे के 35 हजार परिवारों को सस्ते दाम पर राशन मिल सकेगा। मंत्री आशु ने कहा कि पिछली सरकार के समय नीले कार्ड के नाम पर बड़े स्तर पर धांधली हो रही थी। जो लोग इस योजना के तहत नहीं आते थे, वह भी सस्ते दाम पर अनाज ले रहे थे। इस कारण कई गरीब परिवारों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। उनकी सरकार ने सब कुछ डिजीटल कर दिया है।इस योजना के तहत आने वाले परिवार के सभी सदस्यों का रिकॉर्ड दर्ज है। इस योजना को पूरी तरह से आधार कार्ड के साथ जोड़ा गया है। जैसे सरकारी गोदाम से गेहूं लोगों को बांटने के लिए निकलता है, उसका पूरा रिकॉर्ड कंप्यूटर में दर्ज होता है। सरकारी डिपो पर अब राशन कार्ड नहीं बल्की अंगूठा लगाने पर खुद पहचान होती है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति इस योजना का गलत फायदा नहीं उठा सकेगा। राशन डिपो पर बांटे जाने वाले राशन का रिकार्ड सीधे विभाग के पास पहुंचता है। इस योजना से अब डिपो होल्डर भी लगाम लगी है, क्योंकि पहले यह कहा जाता था कि कुछ डिपो होल्डर गरीबों के अनाज को खुद गोलमाल कर रहे थे। सरकार का एक ही लक्ष्य है, जो भी इस योजना का लाभपात्र है। उसे अनाज सही समय पर मिले।
सौर ऊर्जा से रोशन होगी अमृतसर-हरिद्वार जनशताब्दी एक्सप्रेस, कम होगी बिजली खपत, बढ़ेगी आमदनी
रेलवे ने नैरोगेज लाइन पर चलने वाली ट्रेनों के बाद अब बड़ी लाइनों की ट्रेनों को सौर ऊर्जा से रोशन करने की तैयारी कर ली है। इससे रेलवे को बिजली की बचत के साथ अपनी आमदनी में बढ़ोतरी करेगा। रेल डिवीजन फिरोजपुर में 31 जनवरी को सौर ऊर्जा से रोशन कर अमृतसर-हरिद्वार जन शताब्दी ट्रेन को चलाएगा। ये डिवीजन की पहली ट्रेन होगी जो सौर ऊर्जा से इतनी लंबी दूरी तय करेगी। इससे पहले डिवीजन ने पठानकोट-जोगिंदर नगर के बीच कांगड़ा घाटी में चलने वाली छोटी लाइन की ट्रेनों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर ट्रेन चलाई थी। इसमें रेलवे को सफलता हासिल होने के बाद अब बड़ी लाइनों पर दौड़ने वाली ट्रेनों को सौर ऊर्जा से रोशन कर दौड़ाया जाएगा।रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सबसे पहले रेलवे ने नैरोगेज लाइन एवं दो ब्रॉड ग्रेज लाइन पर चलने वाली ट्रेनों पर सोलर पैनल लगाकर उपयोग किया था। इससे बिजली की काफी बचत होने के साथ सफलता भी मिली। ट्रेनों के कोचों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर पंखे व बल्ब इसी वैकल्पिक ऊर्जा से संचालित किए गए हैं। रेलवे के लिए सौर ऊर्जा काफी कामयाब साबित हो रही है इसलिए इसे अब अधिकांश ट्रेनों में लगाने की योजना है। डिवीजन में 31 जनवरी से अमृतसर-हरिद्वार के बीच चलने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस को सौर ऊर्जा से रोशन कर चलाया जाएगा। इसी तरह अन्य ट्रेनों पर भी सौर ऊर्जा का इस्तेमाल होगा।उधर, रेल डिवीजन फिरोजपुर के डीआरएम राजेश अग्रवाल के मुताबिक 31 जनवरी तक कुछ ट्रेनों में सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य है। सौर ऊर्जा ट्रेन चलने से करोड़ों रुपये की बिजली बचत होगी इससे डिवीजन की आमदन भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अमृतसर-हरिद्वार जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन सौर ऊर्जा से रोशन की जा रही है। उम्मीद है कि 31 जनवरी को उक्त ट्रेन को सौर ऊर्जा से रोशन कर चला दिया जाए। ये डिवीजन की पहली ट्रेन होगी। सौर ऊर्जा से कोचों के पंखे, ट्यूब लाइट चलने के अलावा मोबाइल फोन चार्जर प्वाइंट कार्य करेंगे।
नीतीश कुमार ने मीठा ज़हर देकर बिहार की शिक्षा व्यवस्था का कत्ल कर दिया : तेजस्वी यादव
राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक के बाद एक ट्वीट कर हमला बोला है. तेजस्वी ने अपने ट्वीट में राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर हमला बोलते हुए लिखा है."क्या आप जानते है नीतीश सरकार के निक्कमेपन के कारण बिहार में ग्रेजुएशन करने में 6-8 वर्ष और पोस्ट ग्रेजुएशन करने में 4-6 वर्ष लगते है? आत्ममुग्ध नीतीश कुमार जी ने विगत 15 वर्ष में मीठा ज़हर देकर बिहार की शिक्षा व्यवस्था का निर्ममता से क़त्ल किया है." एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी यादव ने लिखा है "नीतीश जी ने स्कूलों और विश्वविद्यालयों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा समाप्त कर, इन्हें खंडहर में तब्दील कर दो पीढ़ियों का अपूरणीय नुक़सान किया है.दो पीढ़ियों के भविष्य को बर्बाद कर उनके जीवन को अंधेरे कुंए में धकेलने वाले CM को इस आपराधिक कृत्य के लिए छात्र और युवा माफ़ नहीं करेंगे."
प्रतिदिन 30,000 तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए डेरा नानक तैयार
डेरा बाबा नानक: पंजाब के गुरुदासपुर जिले में स्थित ऐतिहासिक कस्बे डेरा बाबा नानक में आठ नवंबर, 2019 से अगले चार दिनों तक प्रतिदिन हजारों तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान है. बता दें, तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए करीब 30 एकड़ जमीन को सभी जरूरी सुविधाओं से युक्त एक तंबुओं की नगरी में बदल दिया गया है. इसकी क्षमता प्रतिदिन करीब 3,500 लोगों की है. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर आने वाले इन तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए पूरी तैयारी की गई है. तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए यूरोपीय शैली के 544 तंबू, 100 स्विस कॉटेज और 20 दरबार शैली के तंबू लगाए गए हैं. तंबू नगरी परियोजना की लागत 4.2 करोड़ रुपए है.बता दें, राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को तंबू नगरी और मुख्य तंबू का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं को लेकर संतुष्टि जताई. बयान में कहा गया कि मुख्य तंबू में 30,000 तीर्थयात्रियों को ठहराने का इंतजाम है. डेरा बाबा नानक उत्सव आठ नवंबर से 11 नवंबर तक चलेगा. वहीं मुख्यमंत्री ने पीने के पानी और लंगर सहित जनसुविधाओं के इंतजाम का भी निरीक्षण किया. लंगर हाल में एक बार में 1500 लोग भोजन कर सकते हैं. इसके लिए रसोई में आधुनिक सुविधाओं से युक्त उपकरण लगाए गए हैं. बता दें, इस उत्सव में शामिल होने के लिए पंजीकरण निशुल्क है और इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन किया जा सकता है. ऑनलाइन बुकिंग शनिवार से शुरू होंगी.
पंजाब कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले
पंजाब सरकार ने प्रोग्रेसिव पंजाब इंवेस्टर समिट से पहले इंडस्ट्री के लिए बड़ी सौगातों का एलान किया है। दफ्तरों के चक्करों और इंस्पेक्शन से बचाने के लिए सरकार राइट टू बिजनेस एक्ट लाने जा रहे हैं। इसके अलावा तीन पुराने एक्ट में संशोधन कर उद्योगों को रियायत दी गई है।वहीं, शामलात जमीन खरीदने की प्रक्रिया में बदलाव को कैबिनेट ने मंजूरी दी जिससे गांवों में लैंड बैंक स्थापित हो सकेंगे और इंडस्ट्री को आसानी से जमीन मिल सकेगी। सरकार की नजरें 5-6 दिसंबर को इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में होने वाले समिट में ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित करने पर लगी हैं।पंजाब में कारोबार को प्रोत्साहित करने के मकसद से राज्य सरकार राइट टू बिजनेस एक्ट और राइट टू बिजनेस रूल्स 2019 लाएगी। इसमें सिर्फ एक स्व-घोषणा पत्र से एमएसएमई की स्थापना और चलाने में कई मंजूरियों और इंस्पेक्शन से निजात मिल सकेगी। कैबिनेट बैठक में पास किए प्रस्ताव के तहत इस एक्ट के दायरे में लाई गई सेवाओं में बिल्डिंग प्लान, कंपलीशन-ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट, फायर एनओसी, ट्रेड लाइसेंस का रजिस्ट्रेशन, चेंज ऑफ लैंड यूज, फैक्ट्री बिल्डिंग प्लान की मंजूरी और दुकान का रजिस्ट्रेशन शामिल है।