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आखिर क्या है हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन?
आखिर क्या है हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन?
नई दिल्ली । इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही है। इस वक्त इस ख़तरनाक बीमारी के कहर की मार सबसे ज़्यादा अमेरिका पर दिख रही है। अमेरिका में अभी तक करीब 4 लाख लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं, वहीं, लगभग 13 हज़ार लोगों की कोरोना वायरस की वजह से जान जा चुकी है। अमेरिका की टॉप मेडिकल रिसर्च टीम इसका इलाज और वैक्सीन को जल्द से जल्द तैयार करने में लगी है।इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने कई दवाइयों को लेकर दावा किया है कि ये कोरोना वायरस के इलाज में कारगर साबित हो सकती हैं। मार्च में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने COVID-19 के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया था। ट्रम्प ने इस दवा के बारे में बात करते हुए कहा था, "मुझे यकीन है कि ये दवाई काम आएगी और हमें इसे आज़मा कर देखना चाहिए।"ट्रम्प के एक बयान के बाद एंटी-मलेरिया ड्रग हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन ख़बरों में छा गई है। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बीते दिनों फोन पर कोरोना वायरस पर चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार माने जाने वाली दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई फिर शुरू करने को कहा, लेकिन अब दो दिन के बाद ट्रंप ने कहा है कि अगर भारत ये मदद नहीं करता तो फिर उसका करारा जवाब दिया जाएगा। हालांकि, इस ब्यान के कुछ घंटों बाद भारत ने कहा कि वह बाकी देशों के साथ ये एंटी-मलेरिया ड्रग शेयर करने के लिए तैयार है।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का इस्तेमाल आमतौर पर मलेरिया के इलाज में किया जाता है
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का इस्तेमाल आमतौर पर मलेरिया के इलाज में किया जाता है। साथ ही इसका प्रयोग आर्थराइटिस के उपचार में भी होता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस दवा का आविष्कार किया गया था। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ल्यूपस सेंटर के अनुसार, मलेरिया रोधी दवा ने मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द, स्किन रैशेज़, इंफ्लेमेशन ऑफ हर्ट, लंग लाइनिंग, थकान और बुखार जैसे लक्षणों में सुधार दिखाया है। और अब ऐसा माना जा रहा है कि ये दवा कोरोना वायरस के इलाज में भी काफी कारगार साबित हो सकती है। हालांकि, अभी तक किसी भी तरह का क्लीनिकल ट्रायल या परीक्षण नहीं हुआ है, जिसमें ये पूरी तरह से साबित हो कि ये दवा जिसका इस्तेमाल रूमटॉइड गठिया में भी किया जाता है, वाकई कोरोना वायरस के इलाज में भी प्रभावी हो सकती है। एक छोटे से फ्रेंच शोध में कहा गया था हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन COVID-19 के इलाज में काम आ सकती है। जिसके बाद यूएस के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने इस दवा को कोरोना वायरस के खिलाफ एक गेम चेंजर कहा था।
अस्पताल में नर्सों से अश्लील हरकत कर रहे जमाती
तबलीगी जमात के मकरज से निकाले गए कई जमातियों में कोरोना संक्रमण होने की पुष्टि हो चुकी है. वहीं, कई को क्वारनटीन में रखा गया है. इस बीच, अस्पताल में भर्ती कुछ जमातियों द्वारा स्टाफ के साथ अश्लील हरकत करने का मामला सामने आया है. खबर के मुताबिक, गाजियाबाद में अस्पताल में भर्ती 6 जमातियों ने नर्सों के साथ अश्लील बर्ताव किया. आरोप है कि ये लोग अस्पताल में बिना कपड़ों के घूमते मिले. ये गंदे गाने गा रहे हैं और अश्लील इशारे भी कर रहे हैं, साथ ही इलाज में सहयोग भी नहीं कर रहे हैं. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. गाजियाबाद से बड़ी हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है. दरअसल, यहां एक अस्पताल में भर्ती छह कोरोना संदिग्धों पर नर्सों ने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. जानकारी के अनुसार, यह 6 लोग निजामुद्दीन (Nizamuddin) में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे.बता दें कि नर्सों ने यह आरोप लगाया है कि, सभी संदिग्ध बिना पेंट के घूमते हैं, अश्लील गाने सुनते हैं, भद्दे इशारे करते हैं और सिगरेट की मांग करते हैं. यह मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने जांच के लिए टीम भेजी. जिसके बाद इनके खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है.
दुनिया भर में 12 लाख के पार पहुंचे कोरोना वायरस के मामले, इटली में 15 हजार से ज्यादा की मौत
कोरोना वायरस का संक्रमण अब तक दुनिया भर में 12 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है।
कोरोना वायरस का संक्रमण अब तक दुनिया भर में 12 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। वहीं 64 हजार से ज्यादा लोग इस घातक बीमारी के चलते जान गंवा चुके हैं। कोरोना वायरस से इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका है जहां अब तक कोरोना वायरस के 311,357 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं मौत के मामले में इटली सर्वाधिक प्रभावित है, यहां 15,362 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भारत की बात करें तो यहां पर 3072 लोगों को यह घातक वायरस अपनी चपेट में ले चुका है, वहीं 75 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़े प्रस्तुत करने वाली वेबसाइट वर्डोमीटर के अनुसार दुनिया भर में अब तक कोरोना वायरस के 1,201,473 मामले आ चुके हैं। वहीं 64,691 लोगों की मौत हुई है। पिछले 24 घंटों में दुनिया भर में 84,811 नए मामले सामने आए हैं, वहीं एक दिन में 5,517 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यूरोप के तीन बड़े देशों इटली, स्पेन और फ्रांस के हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। इटली में 4800 नए मामलों के साथ ही कुल 124,632 मामले सामने आ चुके हैं। फ्रांस में कल एक ही दिन में 1000 से ज्यादा लोगों की जान गई है। इसके साथ ही मौत का आंकड़ा 7,560 पहुंच गया है। कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित अमेरिकी की बात करें तो यहां कोरोना के मामलों की संख्या 311,357 पहुंच गई है। यानि विश्व के 25 प्रति मामले इसी देश से आए हैं। यहां कल 1048 लोगों ने इस वायरस से जान गंवाई है। इसके साथ ही यहां मौत का आंकड़ा 8,452 पर पहुंच गया है। यहां सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क है, यहां देश के करीब 30 फीसदी मामले सामने आए हैं। यानि अब तक 114,775 लोग प्रभावित हो चुके हैं, वहीं सिर्फ इसी शहर में 3,565 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
बिहार में कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट, स्कूल कॉलेज और कोचिंग 31 मार्च तक बंद
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार में 31 मार्च तक सभी स्कूलों, कॉलेजों, कोचिंग संस्थानों और सिनेमा घरों को बंद करने की घोषणा की गई है। शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकार ने कहा कि बंद के दौरान सरकारी स्कूलों के छात्रों को दोपहर में मिलने वाले भोजन के पैसे को उसके बैंक खाते में डाल दिया जाएगा। स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगें लेकिन CBSE की परीक्षा जारी रहेगी। वहीं सरकार ने संबंधित अथॉरिटी से कहा है कि दूसरे स्कूलों में चल रही परीक्षाओं की तारीख को जल्द से जल्द आगे बढ़ाने पर विचार करें। इसके अलावा 22 से 24 मार्च तक आयोजित होने वाले बिहार दिवस कार्यक्रम पर रोक लगा दिया गया। बिहार से सटी नेपाल की सीमा पर कड़ी जांच करने का निर्देश दिया गया। साथ ही नेपाल से आने वाले लोगों को स्क्रीनिंग के लिए सीमा पर 24x7 डॉक्टरों की टीम तैनात रहेगी। सिनेमा घरों के अलावा म्यूजियम बंद स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थानों, सिनेमा घरों के अलावा म्यूजियम को भी बंद करने का फैसला लिया गया। ज्ञान भवन, एसके मेमोरियल हॉल और बापू सभागार समेत सभी हॉल में होने वाले कार्यक्रमों को फिलहाल के लिए रोक लगा दिया गया। साथ ही 31 मार्च तक सभी तरह के कार्यक्रमों की बुकिंग पर रोक लगा दी गई। आंगनबाड़ी केंद्रों को भी बंद रखा जाएगा। बता दें कि बिहार में 142 मरीजों को ऑब्जर्वेशन में रखा गया था। जिनमें से 73 मरीजों को छुट्टी दे दी गई। वहीं, पीएमसीएच, एसकेएमसीएच, एनएमसीएच सहित बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों में संदिग्ध कोरोना के मरीजों की जांच की जा रही है। हालांकि, अभी तक किसी भी मरीज में कोरोना वायरस नहीं पाया गया।
103 साल की बुजुर्ग महिला से हारा कोरोना वायरस
कोरोना वायरस का लगातार बढ़ता प्रभाव लोगों के लिए चिंता का विषय बन रहा है। वहीं इस दौर में कोरोना से पीड़ित 103 साल की बुजुर्ग महिला कोरोना से जंग जीतकर अपने घर वापस लौट गई। दरअसल बुजुर्ग महिला में कोरोना वायरस के संक्रमण होने की पुष्टि जल्द ही हो गई थी। जिसे तुरंत वुहान के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जल्द ही इलाज के कारण महज 6 दिनों में ही यह महिला कोरोना से जीत गई। बताया जा रहा हैं कि जैसे ही 103 साल की झांग गुआंगफेंग में कोरोना का लक्षण पाया गया। उन्हें तुरंत नियमित उपचार दिया गया। जिससे जल्दी ही ठीक हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि यह संक्रमण बुजुर्ग लोगों में ज्यादा फैल रहा है क्योंकि उनकी इम्यूनिटी सिस्टम काफी कमजोर होता है । हालांकि किसी व्यक्ति में अगर तुरंत लक्षण पकड़ा जाय, तो इस बीमारी से उबरा जा सकता है। जानें कोरोना वायरस पीड़ितों की अब तक की रिपोर्ट दुनिया के अलग- अलग देशों में जितनी तेजी से फैल रहा हैं, उतनी ही तेजी से भारत में इस वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार की जारी रिपोर्ट की बात की जाए तो अब तक भारत में 73 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं अगर दुनिया की बात की जाए तो करीब 107 देशों में फैले कोरोना वायरस से अब तक 4500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1,24,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं। चीन में बुधवार तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 80,793 मामले दर्ज किए गए जबकि 3,169 लोगों को जान गंवानी पड़ी।
जालंधर में एक नाबालिग की मौत, कोरोना वायरस के लक्षण का दावा
जालंधर के दोआबा अस्पताल में एक नाबालिग की मौत हो गई है। जिसके बाद परिजनों ने किशोर में कोरोना वायरस के लक्षणों का दावा किया है। इस मामले को लेकर परिजनों ने डॉक्टर पर आरोप भी लगाया है। क्या है मामला मखदूमपुर के रहने वाले कृष्णा के 13 साल के बेटे की तबियत खराब होने के बाद उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसकी हालत काफी ठीक हो गई थी। लेकिन मंगलवार को तबियत बिगड़ने के कारण अर्जुन को रविवार को दोआबा अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जिसके बाद उसे डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगाते ही उसकी हालत ज्यादा खराब हो गई और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। कोरोना वायरस की बात कही गई थी परिजनों ने डॉक्टर पर आरोप लगाया है कि डॉक्टर ने बच्चे को कोरोना वायरस होने की बात कही थी। साथ ही बच्चे के परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का भी आरोप लगाया है। लेकिन डॉक्टर का कहना है कि उसे वायरल हुआ था जिससे उसकी मौत हुई। कोरोना वायरस के कारण उसकी मौत नहीं हुई है। डॉक्टर ने कहा है कि परिजनों द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। किया ट्रैफिक जाम बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल के बाहर खूब हंगामा किया। जिसके कारण सड़क ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी। कुछ देर बाद पुलिस ने वहां पहुंचकर मामले को संभाला।